विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत भारतीय सर्वेक्षण विभाग जो देश की राष्ट्रीय मानचित्रण एजेंसी हैं, भारत सरकार का प्राचीनतम वैज्ञानिक विभाग है ।
भारत की राष्ट्रीय मानचित्रण एजेंसी के रूप में भारतीय सर्वेक्षण विभाग लगभग तीन शताब्दियों से सर्वेक्षण और मानचित्र तैयार कर रहा है । विभाग विभिन्नय चरणों यथा- कागज के मानचित्रों से अंकीय मानचित्रों तक और अब उद्यम जीआईएस सिस्टम की ओर अग्रसर है ।
राष्ट्रीय मानचित्रण नीति-2005 ने भारतीय सर्वेक्षण विभाग को पूरे देश के राष्ट्रीय स्थलाकृतिक डेटा बेस (एनटीडीबी) के उत्पादन, रखरखाव और प्रसार का एक संशोधित जनादेश दिया है जो सभी स्थाीनिक डाटा, जिसमें राष्ट्रीय स्थानिक संदर्भ फ्रेम, राष्ट्रीय डिजिटल ऊंचाई मॉडल, राष्ट्रीय स्थलाकृतिक टेम्पालेट, प्रशासनिक सीमाएँ और टॉपनिमी (स्थान नाम) सम्मिलित हैं की नींव है।
राष्ट्रीय स्थानिक संदर्भ फ्रेम में सटीक निर्देशांक और ऊंचाई, ज्वारीय प्रेक्षण और ज्वार भाटा की भविष्यवाणी, गुरुत्वाकर्षण सर्वेक्षण और भू-चुंबकीय प्रेक्ष्ााण शामिल हैं। राष्ट्रीय स्थलाकृतिक टेम्पलेट में सभी पैमानों पर स्थलाकृतिक मानचित्र, वैमानिक चार्ट, हवाई अड्डों/हवाई क्षेत्रों के लिए विशेष प्रयोजन मानचित्र और विशेष उद्देश्यों के लिए अन्य मानचित्र शामिल हैं। प्रशासनिक सीमाओं में अंतर्राष्ट्रीय और अंतर्राज्यीय सीमाएँ शामिल हैं। मानचित्रण के अतिरिक्ता, शासनादेश में विभाग के अंदर और बाहर सामर्थ्य निर्माण भी शामिल है।
वर्तमान में भारतीय सर्वेक्षण विभाग उपयोगकर्ता की आवश्यकताओं के अनुसार प्रौद्योगिकी, मानचित्रण तकनीकों और मानकों में प्रगति के अनुरूप उत्पाद और सेवाएं प्रदान करने के लिए परिवर्तन चरण से अग्रसर है।
आधुनिकीकरण प्रयास के रूप में राष्ट्रीय स्थानिक संदर्भ फ्रेम (एनएसआरएफ) का आधुनिकीकरण देश भर में निरंतर संचालन संदर्भ स्टेशनों (सीओआरएस) नेटवर्क की स्थापना कर सटीक और त्वरित पोजिशनिंग सेवा प्रदान करने के उद्देश्यक से सम्पूिर्ण देश के लिए जीआयड मॉडल विकसित किया जा रहा है।
उपयोगकर्ता की आवश्यकता के अनुसार अंकीय डेटा प्रदान करने के उद्देश्य के साथ, भारतीय सर्वेक्षण विभाग उच्च रिज़ॉल्यूशन राष्ट्रीय स्थलाकृतिक डेटा बेस (एचआर-एनटीडीबी) के निर्माण के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग कर रहा है। वर्तमान में एचआर-एनटीडीबी के उत्पादन के लिए स्रोत डेटा को हाई रेजोल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी (एचआरएसआई), यूएवी/ड्रोन, लिडार आदि के माध्यम से प्राप्तज किया जा रहा है। भारतीय सर्वेक्षण विभाग उपयोगकर्ता की आवश्यकतानुसार 1:500 से 1:10000 पैमाने तक के भू-स्थानिक आंकड़ा तैयार कर रहा है ।
भारतीय सर्वेक्षण विभाग विभिन्ना केन्द्रीवय और राज्यभ सरकार की एजेंसियों जैसे कि स्वातमित्वभ योजना की, एम०ओ०जे०एस० के लिए राष्ट्रीतय जल विज्ञान परियोजना, स्विच्छव गंगा के लिए राष्ट्रीऔय मिशन, विभिन्न राज्योंए के लिए ड्रोन आधारित वृहत्, पैमाना मानचित्रण की आवश्याकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्नव राष्ट्रीमय और राज्या स्त रीय परियोजनाओं को भी कार्यान्वित कर रहा है ।
नवीनतम तकनीक के साथ सर्वेक्षण और मानचित्रण का विशाल कार्य की सहभागिता के कारण भारतीय सर्वेक्षण विभाग सर्वोत्त म प्रयासों के साथ राष्ट्रीाय विकास के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए परियोजनाओं के जनादेश और आवश्यिकताओं को पूरा करने के लिए तैयार है ।